अत्यधिक परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
आप अपने खान पान की आदतों और जीवन शैली में कुछ बदलाव लाकर पाइल्स की समस्या का घरेलू उपचार कर सकते हैं। अपने भोजन में फाइबर युक्त फल और सब्जियों को शामिल करके आप अपने मल त्यागने की आदत को नियमित कर सकते हैं। इसके अलावा रात के समय कोशिश करें की ज्यादा हैवी भोजन न करें और जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके पानी और तरल पदार्थ पियें।
नींबू के रस में अदरक और शहद मिलाकर सेवन करें। इससे पाइल्स में फायदा पहुँचता है।
पाइल्स पर अधिक पढ़ने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर जा सकते हैं:
और पढ़ें – पाइल्स के दर्द में गोभी के फायदे
चाहें तो इसमें थोड़ा एप्सम सॉल्ट भी मिला सकते हैं.
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मस्से आम तौर पर बाहर नहीं निकलते, केवल अंदर ही होते हैं।
गुदा या मलाशय में संक्रमण : गुदा या मलाशय क्षेत्र में संक्रमण से सूजन हो सकती है, जिससे बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।
हर रोज़ गुनगुने पानी में बैठकी स्नान करें, इससे सूजन और दर्द कम होता है।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में सर्जरी ही इसका एकमात्र समाधान है, और सर्जरी के बाद भी यह रोग दोबारा हो जाता है। इसलिए घरेलू उपचार और बेहतर जीवनशैली अपनाना चाहिए। इससे बवासीर के दोबारा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
कम्प्यूटराइज्ड एग्जामिनेशन: कम्प्यूटर की मदद से रेक्टल एग्जामिनेशन के दौरान डॉक्टर मलाशय (रेक्टम) में एक दस्तानेयुक्त, नमीयुक्त उंगली here को एम्बेड करते हैं और असामान्य गांठ का पता लगाते हैं। यह प्रक्रिया आंतरिक बवासीर की जांच के लिए की जाती है। आंतरिक बवासीर को आमतौर पर महसूस नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में अगर मरीज को अधिक दर्द और ब्लीडिंग होती है तो डॉक्टर रेक्टम जांच को रोक देते हैं।
आराम पाने के लिए आराम, पौष्टिक आहार और सफाई का ध्यान रखें।
बवासीर एक आम समस्या है, लेकिन इसे समय पर पहचानकर उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव से आसानी से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद और घरेलू उपचार इसके उपचार में अत्यंत प्रभावी हैं। यदि समस्या गंभीर हो, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है।